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कैसे किसी के शारीरिक हाव भाव को आसानी से समझें

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कैसे किसी के शारीरिक हाव भाव को आसानी से समझें







जैसे कि 60% से ज़्यादा बातें बोले बिना भी कही जातीं हैं, तो ऐसे में रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए सामने वाले की बॉडी लेंग्वेज की समझ रखना बेहद ज़रूरी है।[१] लोगों की बॉडी लेंग्वेज के द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझ पाना एक बेहद रोमांचक कला है। कुछ ज़रा सी भागीदारी दिखाकर, आप किसी की भी बॉडी लेंग्वेज को सटीकता से और आसानी से पढ़ सकते हैं, बस ज़रा से अभ्यास के ज़रिए यह आपके व्यवहार का एक और हिस्सा बन सकती है।




विधि 1 


विधि 1 का 5:


भावनात्मक संकेतों को समझना




1


रोने पर ध्यान दें: बहुत सारी संस्कृतियों में रोना, बहुत सारी भावनाओं का परिणाम होता है। अक्सर रोने को दुख या दर्द का प्रतीक माना जाता है, लेकिन कभी-कभी लोग खुशी में भी रोना शुरू कर देते हैं। रोना कभी हँसी या ह्यूमर के कारण भी आता है। तो रोने को समझने के लिए, आपको पहले इस के उचित कारण की तलाश करनी होगी, कि आखिर वह क्यों रो रहा है।[२]


लोग कभी-कभी सहानुभूति पाने या बहकाने के लिए भी रोया करते हैं। इसे "मगरमच्छ के आँसू" भी कहा जाता है, जैसा कि कहा जाता है, कि मगरमच्छ तभी 'आँसू' बहाता है, जब वह शिकार पकड़ता है।[३]




2


गुस्से/या धमकी के संकेतों को समझें: धमकी वाले भावों में, v-आकार की आइब्रो, बड़ी-बड़ी आँखें और खुला हुआ मुँह शामिल है।[४]


बहुत ज़ोर से कसी हुई भुजाएँ, उस व्यक्ति के बहुत ज़्यादा नाराज़ होने और उसे आपसे दूर ले जाने की ओर संकेत करती हैं।[५]




3


चिंता के संकेतों को समझें: जब भी कोई इंसान किसी चिंता में होता है, तो वह ज़रूरत से ज़्यादा बार अपनी पलकें झपकाते पाया जाता है और इनका मुँह एक छोटी सी लाइन की तरह दिखने लगता है।[६]


ज़्यादा चिंतित लोग अपने हाथों की मुट्ठी बाँधे, और खुद को एक जगह पर टिकाए रखने में नाकामयाब प्रतीत होते हैं।[७]


जब लोग अनजाने में कई बार अपने पैर को थपथपाते हैं, तो यह उनके चिंता में होने की ओर संकेत देते हैं।[८]




4


शर्मिंदगी के भाव को समझने का प्रयास करें: शर्मिंदगी में इंसान की आँखें एक जगह टिकी नहीं रह पातीं, उनका सिर भी यहाँ से वहाँ डगमगाता रहता है और वे एकदम नियंत्रित से, यहाँ तक कि कभी-कभी अनचाही सी और तनाव पूर्ण मुस्कान भी देते पाए जाते हैं।[९]


यदि कोई व्यक्ति बहुत ज़्यादा बार नीचे ज़मीन पर देखता है, तो इसका मतलब शायद वह शर्मीला हो, डरपोक हो या शर्मा रहा हो। जब लोग दुखी होते हैं या फिर किसी भावना को छिपाने का प्रयास करते हैं, तो वे हद से ज़्यादा बार ज़मीन पर देखते हैं। लोग जब ज़मीन पर देखते हैं, तो उन्हें लगता है, कि वे अपनी भावनाओं को छिपा रहे हैं।


5


अहंकार वाली अभिव्यक्तियों पर ध्यान दें: लोग हल्की सी मुस्कान, अपना सिर पीछे को झुका कर और अपने हाथों को अपनी कमर पर रख के अपना अहंकार दर्शाते हैं।[१०]


विधि 2 


विधि 2 का 5:


संबंधित संकेतों को समझना


1


दूरी और छुअन (proxemics and haptics) का आकलन करें: यह भी बात करने का ही एक तरीका है। शारीरिक रूप से करीब आना, पसंद, प्रेम और लगाव की ओर इशारा करते हैं।[११] .


जो लोग रिश्ते में बेहद करीब होते हैं, वे अन्य लोगों से ज्यादा आपके पास रहने का प्रयास करते हैं, बल्कि अनजाने लोग ऐसा कुछ भी नहीं करते।[१२]


इस निजी स्वतंत्रता के मायने अलग-अलग संस्कृतियों के हिसाब से अलग-अलग होते हैं; याद रहे कि जिसे किसी एक जगह पर करीब रहना मानते हैं, उसे अगली जगह पर दूरी का प्रतीक भी मन जाता है।


2


उस व्यक्ति की आँखों में देखें: अध्ययनों के मुताबिक जब भी लोग एक-दूसरे से कुछ रोचक बातें करते हैं, तो उनकी आँखें लगभग 80% समय तक दूसरे व्यक्ति के चेहरे पर केंद्रित रखते हैं। ये ना सिर्फ़ उनकी आँखों पर केंद्रित रहते हैं, बल्कि कुछ समय के लिए उनकी आँखों में, उनकी नाक पर और फिर वापस उनकी आँखों में देखना शुरू कर देते हैं। ये एक-दो बार नीचे टेबल पर भी देख सकते हैं, लेकिन ये वापस से दूसरे व्यक्ति की आँखों में देखना शुरू कर देते हैं।[१३]


लोग जब बातचीत के दौरान ऊपर या दांई ओर देखते हैं, तो समझ जाएँ कि वे बोर हो चुके हैं, और इस बातचीत का कब का खारिज करके अलग हो चुके हैं।[१४]


विस्तृत या घूमती हुई आँखें, चल रही बातों में उस व्यक्ति की रूचि को दर्शाती हैं। ध्यान रहे कि, कुछ दूसरी बातों के कारण भी विस्तृत आँखे देखने को मिलती हैं, जैसे अल्कोहॉल या कोकीन के सेवन के कारण।[१५]


आँखों का संपर्क भी सच्चाई को दर्शाने का प्रतीक है। हालाँकि नियमित या आक्रामक रूप से बनाया हुआ नज़रों का संपर्क, यह दर्शाता है कि उस व्यक्ति को आपके द्वारा बोली जा रही बात की पूरी जानकारी है । ऐसा इंसान जो आपको धोखा दे रहा हो, वो कभी ना कभी आप से नज़रें ज़रूर चुराएगा।[१६] हालाँकि, याद रखें, कि सच या झूठ का फैसला करते वक़्त जब कभी हम नज़रों के संबंध से सम्बंधित बातें करे हैं, तो यहाँ पर ऐसी कई बातें हैं, आपको जिन्हें ध्यान में रखने की ज़रूरत है।


3


व्यक्ति की मुद्राओं पर ध्यान दें: यदि कोई अपनी बाँहों को अपने सिर या गर्दन के पीछे रखता है, तो वह आपको दर्शाने का प्रयास कर रहा है, कि वह की जा रही बातों के प्रति खुला रवैया रखता है।


एकदम कस के जकड़े हुए अंग, सामने से आ रहे विचारों के प्रति प्रतिरोधकता को दर्शाते हैं। या और आसान भाषा में समझाएँ, तो यदि व्यक्ति की मुद्राएँ कुछ इस प्रकार की दिखाई दें, तो समझ जाएँ, कि वह अपने आपको मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से सामने वाले इंसान से दूर जाने का प्रयास कर रहा है।[१७]


2000 वार्ताकारों की बॉडी लेंग्वेज जानने के लिए किए गए अध्ययन में, वहाँ पर किसी भी मामले में, जहाँ पर किसी एक भी प्रतिभागी ने अपने पैरों को क्रॉस किया था, उनमें किसी भी प्रकार का कोई भी समझौता नहीं हुआ।[१८]


विधि 3 


विधि 3 का 5:


आकर्षण के संकेतों को समझना


1


नज़रों के संपर्क को समझें: नज़रें मिलाना, आकर्षण का ही एक संकेत है, इसके साथ ही ही पलकों को सामान्य से 6-10 बार ज़्यादा झपकाना।[१९] [२०]


आँखो को झपकाना (आँख मारना) भी कहीं-कहीं पर फ्लर्टिंग का सूचक माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें, कुछ सभ्यताओं में इसे बेहद ओछा व्यवहार भी समझा जाता है।[२१]


2


चेहरे की मुद्राओं पर भी ध्यान दें: मुस्कुराना भी आकर्षण का एक स्पष्ट संकेत माना जाता है। लेकिन आपको स्वाभाविक और ज़बरदस्ती की मुस्कान में अंतर करना आना चाहिए। वैसे आप सच्ची मुस्कान और झूठी मुस्कान में खुद ही अंतर कर सकते हैं, क्योंकि जो असली मुस्कान होती है, वह आपकी आँखों में भी दिखाई देती है। असली मुस्कान उस इंसान की आँखों के नीचे हल्की सी सिकुड़न पैदा करती है। और जब इंसान नकली में मुस्कुराता है, तो आपको उसकी आँखों के पास ऐसी कोई भी सिकुड़न दिखाई नहीं देगी।[२२] [२३]


आइब्रो को उठाना भी फ्लर्टिंग का एक संकेत होता है।[२४]


3


व्यक्ति की मुद्रा, आसन और संकेतों पर ध्यान दें: एक दूसरे की ओर आकर्षित लोग सामान्य तौर करीब आने के हर तरीके खोजते हैं। इस का मतलब सामने वाले इंसान की तरफ और ज़्यादा झुकना शामिल है। एक हल्की से छुअन उस इंसान के आपकी ओर आकर्षण को दर्शाती है। हलके हाथ से थपथपाना या बाँहों पर धक्का देना भी आकर्षण का ही एक संकेत है।


किसी भी इंसान की रूचि को उस इंसान के पैरों से भी समझा जा सकता है, उसके पैर हर समय उसकी पसंदीदा चीज़ों की ओर ही रहेंगे।[२५]


हथेलियों का खुला होना भी उस इंसान के खुलेपन को दर्शाता है।[२६]


4


अपनी रूचि दर्शाने के लिए जेंडर के अंतर को ध्यान में रखें: पुरुष और महिला दोनो ही अलग-अलग तरह से अपनी दिलचस्पी को दर्शाते हैं।


एक पुरुष अपनी पसंद की ओर झुका हुआ और अपना सिर हमेशा अपने पसंद के इन्सान की ओर रखता है, जबकि एक महिला इसके विपरीत अपना सिर पीछे ले कर अपनी गर्दन उस से दूर ले जा कर अपनी रूचि दर्शाती है।[२७]


एक दिलचस्प इंसान अपने हाथ अपने सिर के ऊपर 90 अंश के कोण पर रख कर दिखाते हैं।[२८]


जब एक औरत अपनी दिलचस्पी दर्शाती है, तो उस के हाथ उस के शरीर की ठुड्डी (चिन) और कमर के बीच के हिस्सों में कहीं पर होते हैं।[२९]


विधि 4 


विधि 4 का 5:


शक्तिशाली संकेतों को पहचानना


1


आँखों के संपर्क पर ध्यान दें: नज़रें मिलाना उस इंसान के बात करने के प्रभावकारी तरीके को दर्शाता है। प्रभावकारी बातें करने वाले लोग बातचीत की शुरुआत से ही नज़रों का संपर्क बनाए रखते हैं। और यही व्यक्ति इस संपर्क को ख़त्म करने वाला पहला व्यक्ति भी होगा।[३०]


यदि आप बहुत ज़्यादा दृढ़ नज़र आ रहे हैं, तो बस एक बाद याद रखें, कि इतना ज़्यादा भी नज़रों का संपर्क सामने वाले इंसान को डरा देता है।[३१]


2


चेहरे की मुद्राओं का अवलोकन करना: जो इंसान बहुत ज़्यादा दृढ़ता से अपनी भावनाएँ व्यक्त करता है, वह गंभीरता की बातें करने के लिए एक हल्की सी मुस्कान भी देगा।[३२]


3


इशारों और मुद्राओं को समझें: ये मुद्राएँ थोड़ी सी दृढ़ भी नज़र आ सकतीं हैं; लोगों की तरफ इशारा करना और भारी संकेतों का प्रयोग आपके स्तर को दर्शाता है। इसके साथ ही जब कोई बहुत ही ज़्यादा भारी मुद्राओं का प्रयोग करता है, तो यह भी बेहद दृढ़ नज़र आते हैं।[३३]


प्रभावकारी लोग बहुत ही दृढ़ता के साथ हाथ मिलाते हैं। ये हमेशा अपने हाथ को, हथेली को नीचे की ओर करके, ऊपर की ओर रखते हैं; और नियंत्रण को दर्शाने के लिए, पकड़ को मजबूत रखते हैं।[३४]


4


समझें, कि किस तरह कोई इंसान अपनी निजी स्वतंत्रता को बनाए रखता है: उच्च स्तर के लोग खुद को ज़रा से निचले स्तर के लोगों से दूर बनाए रखते हैं। उच्च स्तर के लोग सिर्फ़ अपने आपमें ही व्यस्त रहते हैं, जो इन की प्रबलता को दर्शाता है।[३५] अन्य शब्दों में बोलें तो एक भारी शारीरिक मुद्रा शक्ति और उपलब्धि की ओर इशारा करते हैं।[३६]


शक्ति को बैठने और खड़े होने के तरीके से भी दर्शाया जाता है। खड़े रहना - विशेष रूप से एकदम सामने - और भी ज़्यादा प्रभावकारी मुद्रा दिखाई देता है।[३७]


एकदम सीधी पीठ और पीछे की ओर किए हुए दृढ़ कंधे आपके अंदर के आत्म-विश्वास को दर्शाते हैं। इसके साथ ही झुकी हुई मुद्रा आपके अंदर विश्वास की कमी को दर्शाते हैं।[३८]


लोगों को पीछे छोड़ने वाले व्यक्ति भी सामने से शुरुआत करते हैं और किसी ग्रुप में सबसे पहले पहल करते हैं। ये हर किसी से एक कदम आगे रहना पसंद करते हैं।[३९]


5


उस व्यक्ति के स्पर्श पर ध्यान दें: लोग जो दृढ़तापूर्वक अपने भावों को प्रदर्शित करते हैं, इनके लिए स्पर्श करना और भी आसान हो जाता है, क्योंकि ये अपनी मुद्राओं को लेकर काफ़ी आश्वस्त रहते हैं। उच्च स्तर का व्यक्ति, निचले स्तर के व्यक्ति को उससे ज़्यादा बार स्पर्श करेगा।[४०]


किसी सामाजिक परिस्थिति में, जहाँ पर दोनो ही व्यक्ति एक समान स्तर के हों, ये एक दूसरे को एक समान तरह से स्पर्श करते हैं।[४१]


विधि 5 


विधि 5 का 5:


बॉडी लेंग्वेज को समझना


1


बॉडी लेंग्वेज को समझना एक बहुत कठिन काम है, इस बात को समझें: बिन बोले व्यवहार को समझ पाना वैसे ही एक कठिन काम है, क्योंकि हर एक इंसान के इन्हें प्रस्तुत करने का तरीका अलग होता है।[४२] बॉडी लेंग्वेज को समझना आपके लिए इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को बीच में ही रोक देंगे, जो आपको बॉडी लेंग्वेज के माध्यम से कुछ समझा रहा है, यदि उसे बीच में रोक देंगे, तो उस के बारे में कुछ भी समझने के लिए आपको सारी तस्वीरों को ध्यान में रखना होगा। उदाहरण के लिए, क्या उस व्यक्ति ने पहले ही आपको बता दिया है, कि आज उसकी लड़ाई आपकी बीबी के साथ झगड़ा हुआ है? या फिर उसे तरक्की नहीं मिल पाने से नाराज़ है? या फिर वह लंच को लेकर चिंता व्यक्त कर रहा है?


जब कभी आप किसी इंसान की बॉडी लेंग्वेज को बीच में ही टोक देते हैं, तो जहाँ तक हो सके उनके व्यक्तित्व, सामाजिक कारक, शाब्दिक व्यवहार और उसके अन्य कारकों को ध्यान में रखने की कोशिश करें। यद्यपि ये सारी जानकारी हर समय उपलब्ध नहीं रहती, ये बॉडी लेंग्वेज को समझने में मदद कर सकते हैं। लोगों को समझ पाना बेहद कठिन काम है और फिर इनकी बॉडी लेंग्वेज को समझ पाना और भी कठिन काम होगा!


आप अपना मनपसंद टीवी शो देखते हुए भी बॉडी लेंग्वेज की तुलना कर सकते हैं; और सिर्फ़ किसी एक सीन के सही अर्थ को समझने के लिए आपको पूरा एपीसोड देखना होगा। और शायद आपको पिछले कुछ सीन, किसी पात्र की हिस्ट्री को भी ध्यान में लेकर आगे बढ़ना होगा। तो इसी तरह से आपको बॉडी लेंग्वेज को समझ पाने के लिए आपको भी बहुत सारी बातों पर ध्यान देना होगा!


2


व्यक्तिगत अंतर को भी ध्यान में रखने की कोशिश करें: जब भी हम बॉडी लेंग्वेज की बात करते हैं, तो यहाँ पर ऐसा कुछ भी नहीं है, जो हर किसी के लिए 'एक-समान हो'। यदि आपने अपना बहुत सारा समय किसी की बॉडी लेंग्वेज को समझने में लगाया है, तो शायद आप उस इंसान को पहले से ही परख चुके होंगे। जो किसी एक इंसान के लिए सही होगा, ज़रूरी नहीं है, कि दूसरे के लिए भी सही ही हो।


उदाहरण के लिए, जब कोई झूठ बोलता है, तो अपनी नज़रों का संपर्क हटा लेता है, जबकि ऐसा हर बार के लिए सही नहीं होता, क्योंकि अन्य झूठे लोग खुद को सच्चा साबित करने के लिए और भी ज़्यादा दृढ़ता से संपर्क बना लेते हैं।


3


सभ्यता के अनुसार बॉडी लेंग्वेज भी बदलती जाती है, इस बात को याद रखें: कुछ भावनाओं और अभिव्यक्तियों के लिए अलग-अलग सभ्यता के अनुसार बॉडी लेंग्वेज के मायने भी बदलते जाते हैं।


जैसे कि, किसी इंटरव्यू में आप की नज़रों के संपर्क को आप के आत्म-विश्वास से आँका जाता है। जबकि किसी छोटे से कस्बे में बड़े-बुजुर्गों से नज़रें मिलाना सभ्यता के खिलाफ माना जाता है।[४३]


एक और उदाहरण के तौर पर, कुछ लोग हाथ हिला कर बात करना उचित मानते हैं, और कुछ लोगों को यह भद्दा लगता है।[४४]


ध्यान दें, कि जिस तरह कुछ बॉडी लेंग्वेज सभ्यता और स्थान के हिसाब से बदलते जाते हैं, उसी तरह से कुछ बॉडी लेंग्वेज हर एक सभ्यता के लिए एक समान होते हैं। जैसे बहुत सारी जगहों पर झुका हुआ शरीर हार मानने का प्रतीक माना जाता है।[४५]


4


ध्यान रखें, कि बिना शब्दों का व्यवहार भी अलग-अलग हो सकता है: बिना शब्दों का व्यवहार, मतलब बिना शब्द बोले अपने मेसेज या संकेत को दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाना है, जिनमें आँखों का संपर्क, चेहरे के हाव-भाव और बॉडी लेंग्वेज, स्पर्श और निजी स्वतंत्रता शामिल हैं। या यूं कहें कि इन सारे माध्यमों से आपका सन्देश सामने आता है।[४६]


एक सामान्य नियम के अनुसार, लोग पहले चेहरे के भावों में अच्छे होते हैं, फिर बॉडी लेंग्वेज में और फिर आख़िर में निजी स्वतंत्रता और स्पर्श को समझ पाने में कुशल बन जाते हैं।[४७]


हर एक चैनल में, बहुत सारे अलग-अलग बदलाव होते हैं। उदाहरण के लिए, चेहरे के हर एक भाव सभी के लिए एक-समान नहीं होते। लोग चेहरे के सुखद भावों को दुखी भावों से ज़्यादा बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। एक शोध के मुताबिक, लोग अन्य लोगों के खुशी और उत्सुकता के भावों को, गुस्से, डर और दर्द के भावों से ज़्यादा बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।[४८]


चेतावनी


किसी भी इंसान की बॉडी लेंग्वेज के ज़रिए उसके बारे में कोई भी छवि ना बना लें। ध्यान दें, बॉडी लेंग्वेज किसी की भावनाओं की परिस्थिति या उसके आपके साथ के रिश्ते को तो नहीं प्रदर्शित कर पाते।





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